हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की कर्म भूमि झाँसी मे संग्रहालय का निर्माण कर जादूगर को दी जायेगी स्थाई सलामी : हेमंत चंद्र दुबे बबलू


दुनिया के महानतम हॉकी खिलाड़ी हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की कर्म भूमि झाँसी मे उनकी स्मृतियों को संजोने के उद्देश्य से उत्तरप्रदेश मे यशस्वी मुख्यमंत्री योगी जी की सार्थक पहल को झाँसी के मंडलायुक्त डॉ अजय शंकर पांडे ने साकार करते हुए 19 करोड़ की लागत से संग्रहालय बनाने की रूपरेखा तैयार कर पूरी दुनिया मे हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की ख्याति मे चार चांद लगा दिए हैं। संग्रहालय की रचना मे मेजर ध्यानचंद के जीवन को जिस प्रकार वर्गीकृत किया जा रहा हैं वह दुनिया के लिए अद्भुत और नयनाभिराम होगा ।
पहला विषय संग्रहालय मे जो होगा वह उनके जन्म और परिवार से संबंधित होगा ।जब बात जन्म की होगी तो इलाहाबाद के संगम ध्यानचंद जी की जन्म भूमि की बात का निकलना स्वभाविक होगा और फिर उसमे भारत की संस्कृति की अनूठी झांकी दिखेगी क्योंकि त्रिवेणी संगम भारत भूमि की आध्यात्मिकता संस्कृति से दुनिया को परिचित कराती हैं और जिसके पूरी दुनिया मे खेलों के माध्यम से मेजर ध्यानचंद संवाहक रहे है जिन्होंने अपने देश की संस्कृति का मान हमेशा विदेशी धरती पर जाकर बढ़ाया हैं ।जब परिवार की बात होगी तो ध्यानचंद हॉकी के परिवार चार चांद स्वयं ध्यानचंद, भाई कैप्टन रूप सिंह, अशोक कुमार नेहा सिंह साथ साथ दिखाई देंगे जिन्होंने देश के लिए स्वर्ण रजत कांस्य तीनों रंगों के मेडल जीतकर भारत मां का मान बढ़ाया और तिरंगे को सारी दुनिया मे फहराया ।उनके द्वारा भारत के लिए जीते गए ओलिम्पिक मेडल, विश्व कप मेडल, एशियन गेम्स मेडल की चर्चा होगी । माता पिता ,धर्म पत्नी भाईयो-बहनों और होनहार सभी बेटों बेटियों की चर्चा होगी ।उनके परिवार के गरीबी से भरे उस संघर्ष की कहानी होगी जिस संघर्ष से निकलकर ,मेजर ध्यानचंद ने अपनी मेहनत लगन से अपनी किस्मत की कहानी खुद लिखी है । इस संग्रहालय मे ध्यानचंद जी के जीवन से जुड़े ऐसे 26 विषयों को रखा गया है ।ध्यानचंद जी के सारे विषयों पर जब चित्रण होगा तो संपूर्ण भारत के दर्शनों के साथ उनके महान साथी हॉकी खिलाड़ियों का बखान होगा जिनके साथ उन्होंने हॉकी खेली, उनका जिक्र निकलेगा जिन बाले तिवारी से उन्होंने हॉकी की एबी सीडी सीखी, उन महान हॉकी खिलाड़ियों का जिक्र आयेगा जिनको हॉकी की एबी सीडी मेजर ध्यानचंद ने सिखाई ।जब बात दुनिया के नेताओ से मिलने की होगी तो *हिटलर से मुलाकात करते भारत माँ यह सपूत उस प्रलोभन को जो हिटलर ने हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को दिया था की जर्मनी आ जाओ मै आपको जर्मन सेना मे बड़ा पद दूँगा और तब उस प्रलोभन को विनम्रतापूर्वक ठुकराते हॉकी के जादूगर ने हिटलर से कहा था मेरे देश से बढ़कर कुछ नहीं मेरा जो कुछ भी हुनर हैं वह मेरे देश के लिए है। क्रांतिकारी *रास बिहारी बोस से जापान के कोबे तट पर भारत माँ की आज़ादी के वीरों से गले मिलते हम उन्हें देख पायेंगे। ऑलम्पिक खेलों मे भारत के लिए एक नहीं लगातार तीन तीन स्वर्ण पदक पहने गर्व से सीना ताने हॉकी के जादूगर को देख सकेंगे ।भारत के सैनिक के रूप मे फिल्ड मार्शल जनरल KRIAPPAसे हाथ मिलाते हॉकी मैदान की सेंटर लाइन पर उन्हें देखा जा सकेगा।1956 मे भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण विनम्रता से ग्रहण करते हुए दिखेंगे ।संविधान निर्माता *बाबा साहब अंबेडकर ,भारत के गर्वनर जनरल सी राज गोपाल चारी ,साथ मे राजकुमारी अमृत कौर के मध्य मैदान मे स्टिक थामे दिखाई देंगे । वहीं भारत के *पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की वह टिप्पणी हमे पढ़ने को मिलेगी कि ध्यानचंद तुम्हारे सीने पर इतने पदक देश के गौरवपूर्ण गाथा को कहते है और यह हमारे देश की धरोहर हैं वहीं देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टोकियो ओलिम्पिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी खिलाड़ियों से कहते है आपकी जीत ध्यानचंद जी को सच्ची श्रद्धांजलि हैं अर्थात देश के पहले प्रधानमंत्री से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री तक सब ध्यानचंद जी के साथ किसी न किसी रूप में वहां दिखाई देंगे ऐसा कोई पहलु नहीं होगा जो उस संग्रहालय मे नही दिखाई देगा कोई भी विषय अछूता नहीं रहेगा और जिसे देखते ही र ध्यानचंद जी का पूरा का पूरा जीवन का चित्रण हमारी आँखों के सामने सजीव हो उठेगा ।
डॉ अजय शंकर पांडे मंडलायुक्त के निर्देशों से संग्रहालय की रचना का जो रोड मैप सामने आया है उससे ऐसा लग रहा हैं की संग्रहालय पूर्ण होने के साथ मेजर ध्यानचंद पुनः एक बार झाँसी की धरती पर अपनी हॉकी स्टिक से अपने जादू भरे खेल की मनोहारी छटा बिखर देंगे और उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी के साथ डॉ पांडे मंडलायुक्त के इस प्रयास की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम हैं ।
वास्तव मे उत्तर प्रदेश मे योगी जी का नेतृत्व ,दूरदृष्टि और डॉ अजय शंकर पांडे जैसे मेहनत करने वाले मंडलायुक्त जिनकी बदौलत मेजर ध्यानचंद के प्रति मान सम्मान अद्भुत और अविस्मरणीय कार्य उत्तर प्रदेश की धरा पर हो रहे हैं। मेजर ध्यानचंद को लेकर उत्तर प्रदेश की धरती पर जो दोनों कार्य सम्पन्न हो रहे हैं प्रथम मेजर ध्यानचंद के नाम से मेरठ मे विश्वविद्यालय का खोला जाना और अब फिर ध्यानचंद जी का संग्रहालय झाँसी मे बनवाया जाना दुनिया मे भारत का नाम रोशन करने वाले होंगे।
देश की आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ पर देशवासियों को इससे बड़ी सौगात और क्या मिल सकती? साथ यह संग्रहालय वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई पार्क मे बनाया जा रहा है जिसके कारण इस संग्रहालय का महत्व और भी बढ़ जाता हैं क्योंकि वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के चरणों मे हॉकी के जादूगर ध्यानचंद जी का संग्रहालय इससे सुंदर स्थान और क्या हो सकता हैं? मानो ऐसा लग रहा हैं की भारत मां के चरणों मे उसके सपूत की कहानी को सुनाया जा रहा होगा ।हर खिलाड़ी, खेल प्रेमी ,हर वह नागरिक जो मेजर ध्यानचंद जी की हॉकी कला और उनके चुम्बकीय व्यक्तित्व का दिवाना है वह आज उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी जी, मंडलायुक्त डॉ अजय शंकर पांडे जी IAS का ह्रदय से आभारी हैं और आपके इस भागीरथी प्रयास को हम सभी नमन करते हैं ।

हेमंत चंद्र दुबे (बबलू )बैतूल से